जेएसपी फाउण्डेशन, जेपीएल तमनार द्वारा ’’हिन्दी दिवस’’ का आयोजन

भारत में जितनी भाषाएॅ, सब मेरी पूज्य सहेली हैं, हम सबमें अनुपम प्यार भरा, हम बहनें हैं, हमजोली हैं।।

तमनार- जेएसपी फाउण्डेशन, जेपीएल तमनार द्वारा ’’हिन्दी दिवस’’ 14 सितम्बर 2023 के अवसर पर स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ठ हिंदी माध्यम विद्यालय कन्या गोढ़ी में वर्तमान परिप्रेक्ष्य में हिन्दी भाषा की उपादेयता विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान तमनार क्षेत्र के भाषा विशेषज्ञ वरिष्ठ व्याख्याताओं द्वारा हिन्दी भाषा को अधिकाधिक बढावा देने और इसे वैश्विक मान्यता व विश्व में सबसे प्रचलित व प्रसारित भाषा बनाने के विषय पर विचार मंथन किया गया। 
कार्यक्रम का शुुभारंभ श्रीमती मोनिका गुप्ता, विकासखण्ड शिक्षाधिकारी तमनार के मृख्य आतिथ्य, श्रीमती मैथिली बारीक, प्राचार्या, सेजेस कन्या गोढ़ी की अध्यक्षता, श्री ऋषिकेष शर्मा, विभागाध्यक्ष, सीएसआर, श्री राजेश रावत, सहायक महाप्रबंधक, जेपीएल तमनार, श्री उत्तर सिदार, सहा. विकासखण्ड शिक्षाधिकारी तमनार, डॉ. राजेश नामदेव, वरिष्ठ व्याख्याता, सेजेस कुंजेमुरा, श्रीमती पुष्पा पटनायक, संकुल समन्वयक, तमनार कार्यालयीन स्टाफ व विद्यार्थियों की गरिमामय उपस्थिति में वीणापाणी मॉ सरस्वती की छायाचित्र पर दीप प्रज्जवलन व पुष्पार्पित कर किया गया।    
कार्यक्रम के अवसर पर तमनार क्षेत्र के हिंदी भाषाविदों के द्वारा हिंदी की सार्थकता एवं महत्ता पर अपने अपने विचार साझा किये गये। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्रीमती पुष्पा पटनायक ने सभी से आग्रह किया कि हम सभी हिंदी को भावाभिव्यक्ति का माध्ययम बनाये। अपनी ओजस्वी स्वरचित कविताओं के माध्यम ने उन्होनें मंच को सुसज्जित किया। डॉ. राजेश नामदेव, वरिष्ठ व्याख्याता, कुंजेमुरा ने कहा कि हिंदी सभी भाषाओं से सरल लेकिन अन्य सभी भाषाओं से प्रखर एवं रसमग्न करने की क्षमता रखने वाली भाषा है। श्री राजेश रावत ने अपने सारगर्भित सम्बोधन में कहा कि हम कभी ये न समझे कि अंग्रेजी हिंदी से प्रभावी भाषा है। आज सभी व्यायसायिक परीक्षाएॅ अग्रंेजी के साथ साथ हिंदी माध्यम में भी संचालित की जा रही हैं। श्री ऋषिकेष शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज विश्व के सभी प्रमुख आयोजनों में हिंदी भाषा को प्रमुखता प्रदान की जाने लगी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा से लेकर दिल्ली में आयोजित जी20 सम्मेलन में भी हिंदी भाषा प्रमुखता देखी गई। अतएव विद्यार्थी हिंदी भाषा को अपने बोलचाल व भावाभिव्यक्ति का माध्यम बनावें। कार्यक्रम को अपने मुख्य आतिथ्य सम्बोधन में श्रीमती मोनिका गुप्ता ने कहा कि हिंदी विश्व की सबसे प्रामाणिक व प्रभावशील भाषा है, जिसमें वहीं पढ़ा जाता है, जो लिखा जाता है। इसके विपरीत अंग्रेजी में लिखा कुछ और पड़ा कुछ और जाता है। ये भिन्नताएॅ अंग्रेजी भाषा को जटिल बनाती हैं। हिंदी की भाषा देवनागरी हैं, जिसके प्रत्येक अक्षर प्रामाणिक व वैज्ञानिक हैं। विकासखण्ड के शैक्षिक मुखिया ने कहा कि  इस प्रकार बौद्धिक गोष्ठी से छात्राओं का ज्ञानवर्धन तो होता ही है साथ ही उनमें भाषा के प्रति अपनापन व आत्मीयता का भाव जागृत होती है। उन्होनें इस शानदार आयोजन के लिए जेएसपी फाउण्डेशन, जेपीएल तमनार को आभार ज्ञापित किया। इस दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षा प्राचार्य श्रीमती मैथिली बारीक ने अपने अध्यक्षीय समबोधन में मंच को सुशोभित करने वाले मुर्धन्य हिंदी भाषा के वक्ताओं के वक्तव्यों को विद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं के लिए अमूल्य निधि निरूपित किया, जिसे वे अपने शैक्षकीय यात्रा में संजों के रखेगें, जो उन्हें प्रेरित व मार्गदर्शन करती रहेगी। श्रीमती बारीक ने अतिथी वक्ताओं को व्यस्ततम समय से समय निकालकर कार्यक्रम में गरीमामय बनाने के लिए एवं जेएसपी फाउण्डेशन, जेपीएल तमनार को इस शानदार व अनुठी पहल के लिए साधुवाद ज्ञापित किया।           
उल्लेखनीय है कि प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को देश में हिन्दी दिवस मनाया जाता है और एकलयता से हिन्दी को राजभाषा के साथ साथ राष्ट्रभाषा बनाने की प्रतिबद्धता दर्शायी जाती है। दरअसल आजादी के पश्चात् 14 सितम्बर 1949 के दिन हिन्दी को मातृभाषा का गौरव प्राप्त हुआ था। और उसी दिन से हिन्दी दिवस मनाने की परम्परा चली आ रही है। इस दिन देश की राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रति सभी लोग हिन्दी के प्रति सम्मान भाव प्रकट करते हैं और देश भर में कई आयोजन किये जाते है। स्कूलों से लेकर कार्यालयों तक इस दिन सारे संवाद हिन्दी में किये जाने की कोशिशें की जाती हैं। और अभिव्यक्ति के तमाम मंचों पर हिन्दी की बातें की जाती है। 
कार्यक्रम के दौरान सफल मंच संचालन सेजेस कन्या गोढ़ी के श्री एम. बेहरा व श्री एच.एल. राठिया, वरिष्ठ व्याख्याता ने किया। वहीं कार्यक्रम को सफल बनाने में सेजेस कन्या गोढ़ी के समस्त कार्यालयीन स्टॉफ, श्री जानकी प्रसाद पटेल, प्रफुल्ल सतपथी, आनंद पण्डा, कृष्णा चौधरी, खीरमती सिदार का योगदान सराहनीय रहा।

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